नॉर्मस, नॉलेज एण्ड यूसेज (मानदंड, जानकारी और उपयोग)

Frontiers of Sanitation 7
April 2016

शौचालयों की गुणवत्ता, रखरखाव और उपलब्धता उन्के आंशिक उपयोग के कारण हो सकते हैं, लेकिन हालिया साक्ष्य दर्शाते हैं कि मानसिकतायें, सामाजिक मानदंड और सांस्कृतिक प्राथमिकतायें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शौचालयों का आंशिक या संपूर्ण अनुपयोग जहाँ परिवार के कुछ या सभी सदस्य खुले में शौच कर रहे हों एक बढ़ती हुई चिंता का विषय है। हालांकि सभी परिवारों के पास शायद शौचालय हों लेकिन समुदाय संपूर्ण रूप से तब तक खुले में शौच से मुक्त नहीं हो सकते हैं जब तक सभी शौचालयों का उपयोग करना आरंभ ना करें। यह केवल रखरखाव या पहुँच का मुद्दा नहीं है बल्कि यह सामाजिक मानदंड, मानसिकताओं और सांस्कृतिक वरीयताओं का मुद्दा भी है। यह समस्या बड़े पैमाने पर फैली हुई है लेकिन इसे भारत में सबसे सुस्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। फ्रंटीयर्स ऑफ सी.एल.टी.एस के इस प्रकाशन में यह पूछा गया है कि यह समस्या कितनी गंभीर है, यह क्यों उत्पन्न होती है और इसके बारे में क्या किया जा सकता है और किन किन चीजों को जानने की जरूरत है। इसमें वर्तमान जानकारी को संक्षेप में पेश करने का प्रयास किया गया है जो दुनिया के कुछ हिस्सों में खुले में शौच से मुक्त स्थिति को प्राप्त करने और निरंतर उसे बनाए रखने के उद्देश्य के सामने आने वाली बढ़ती हुई बाधाओं को जानने और सीखने के लिए उठाया गया पहला कदम है।

Additional details

PublisherInstitute of Development Studies
ThemesBehaviour change, Challenging contexts, Social norms, Sustainability and safely managed sanitation
ApproachesCommunity-led approaches
Citation

चेम्बर्स, आर. एवं मायर्स, जे. (2016) ‘नॉर्म्स, नॉलेज एण्ड यूसेज, Frontiers of CLTS: Innovations and Insights 7, ब्राइटन:आइडीएस

LanguageHindi

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